पिछले 2 दशक से तेजी से ग्रोथ कर रही 450 करोड़ वाली पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री पर कोरोना महामारी की मार पड़ी है। लॉकडाउन से पहले हर हफ्ते एक पंजाबी फिल्म थियेटर्स में होती थी। लेकिन अब थियेटर्स के दरवाजे लॉक हो चुके हैँं। कई फिल्मों की रिलीज डेट टल चुकी है। शूटिंग बंद है। पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री से करीब 1 लाख लोग जुड़े हैं, जिनमें से 70% क्रू मेंबर बेरोजगार हो गए हैं।
अब कई बड़े बजट बाली फिल्में रिलीज के इंतजार में हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक, 31 जुलाई तक सिनेमाघर बंद रहेंगे। फिल्मकारों की मानें तो अगस्त-सितंबर तक थियेटर्स तो खुल जाएंगे, लेकिन कोई गारंटी नहीं कि लोग पहले जैसी फिल्में देखना पसंद करेंगे। महामारी से इंडस्ट्री एक साल पीछे चली गई है। पिछले 4 महीनों मेंं करोड़ों का नुकसान हो चुका है। नई गाइडलाइंस के बाद शूटिंग से लेकर सीन्स सब कुछ बदल जाएंगे। क्या-क्या बदलेगा आईए जाने फिल्म से जुड़े लोगों से....
ये फिल्में मई व जून में होनी थी रिलीज
20 मार्च : पोस्ती, निर्देशक : राणा रणबीर, एक्टर : प्रिंस कंवलजीत सिंह, सुरीली गौतम, बब्बल राय।
27 मार्च : यार अनमुल्ले रिटर्न्स, निर्देशक : हैरी भट्टी, कलाकार: हरीश वर्मा, युवराज हंस, प्रभ गिल।
03 अप्रैल: गल्लवकड़ी, निर्देशक : शरण आर्ट, कलाकार : तरसेम जस्सर, वमीका गाबी, बीएन शर्मा।
10 अप्रैल: गोलगप्पे, निर्देशक : समीप कंग, कलाकार : बीनू ढिल्लों, रजत बेदी, बीएन शर्मा, इहाना ढिल्लों।
17 अप्रैल: टेलीविजन, निर्देशक : ताज, कलाकार : कुलविंदर बिल्ला, मैंडी तक्खर, हार्बी संघा।
24 अप्रैल: ब्यूटीफुल बिल्लो, निर्देशक : अमृत राज चड्डा, कलाकार : नीरू बाजवा, रूबीना बाजवा और रोशन प्रिंस।
08 मई: मां, निर्माता : गिप्पी ग्रेवाल, निर्देशक : बलजीत सिंह दियो, कलाकार : दिव्या दत्ता
26 जून : जोड़ी, निर्देशक : अंबरदीप सिंह, कलाकार : दिलजीत दोसांझ, निमृत खैरा, गुरशबद,दृष्टि ग्रेवाल।
कोरोनाकाल के दौरान भास्कर ने निर्माता-निर्देशकों से जाना पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री का हाल...
चिंता: फिल्म रिलीज को अभी हालात ठीक नहीं, दिवाली के बाद ही सोचेंगे
व्हाइट हिल स्टूडियोज के एमडी गुणबीर सिंह सिद्धू बताते हैं 4 माह में 450 करोड़ वाली पंजाबी िफल्म इंडस्ट्री काे करोड़ों का नुकसान हो चुका है। एक साल में इंडस्ट्री में 50-60 फिल्में रिलीज होती हैं। पिछले 3 माह में 15 फिल्में रिलीज होनी थी। इससे निर्माताओं के 150 करोड़ फंस गए हैं। अगस्त-सितंबर में थियेटर्स खुल जाएंगे पर इसकी गारंटी नहीं कि लोग फिल्में देखेंगे। जब तक वैक्सीन नहीं आती चीजें सामान्य नहीं हो पाएंगी। ऐसे माहौल में फिल्म रिलीज करना सही नहीं है। दिवाली के बाद ही फिल्म रिलीज की सोचेंगे।
उम्मीद: 1 साल पीछे गई इंडस्ट्री, पर रिवाइव भी सबसे पहले करेगी
फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर व निर्माता मुनीष साहनी बताते हैं कि कोरोना से इंडस्ट्री 1 साल पीछे चली गई है। इसे दोबारा ट्रैक पर लाने में इतना ही समय लगेगा। पंजाब में सिनेमाघर बंद होने से 2 दिन पहले 2 फिल्में रिलीज हुई थीं जिन्हें 2 दिन बाद ही थियेटर्स से उतारा गया। जितनी फिल्में पेंडिंग हैं, वो सितंबर के बाद रिलीज होंगी। कोराेना से हर व्यवसाय प्रभावित हुआ है पर इंडस्ट्री सबसे पहले रिवाइव करेगी। क्याेंकि घर में लोग उब चुके हैं व थियेटर मिस कर रहे होंगे। ओटीटी अच्छा प्लेटफॉर्म है पर सिनेमा का विकल्प नहीं।
बदलाव: प्रमोशन और शूटिंग के वक्त ज्यादा भीड़ नहीं जुटा सकते
अभिनेता व निर्देशक राणा रणबीर बताते हैं कि महामारी के बाद अब शूटिंग स्थल पर बदलाव बड़ा चैलेंज होगा। एक फिल्म में 150-200 लोगों की यूनिट होती है। शूटिंग स्थलों पर सेनिटाइजेशन व दूरी जरूरी है जो आसान नहीं है। वहीं, अब फिल्मों की प्रमोशन के तरीके बदल जाएंगे। पहले की तरह स्कूल-कॉलेजाें आदि में नहीं जाया जा सकेगा। इसके लिए अब सोशल व प्रिंट मीडिया का इस्तेमाल करना होगा। थियेटर्स खुलने पर अपनी फिल्म पोस्ती के बारे में कहा कि अभी इसे रिलीज करने का कोई विचार नहीं है।
मुश्किल: नियमानुसार बुजुर्गों और बच्चों के बिना सीन्स नहीं हो पाएंगे
अभिनेता व नॉर्थ जोन फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी मलकीत रौणी बताते हैं अभी जिन वीडियोज और फिल्माें की शूटिंग शुरू हुई है, वहां सरकार की गाइडलाइंस के हिसाब से काम हो रहा है। पहले फिल्म में 100 लोगाें का क्रू होता था, अब 50 के साथ काम कर रहे हैं। जहां तक बुजुर्गाें और बच्चाें के काम करने की बात है तो उनके सीन्स फिल्माें से निकाले नहीं जा सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि जिस तरह विदेशों में कम क्रू मेंबर्स के साथ फिल्में शूट होती हैं, वैसे ही यहां होनी शुरू हो जाएं।
चैलेंज: शूटिंग में दूरी की वजह से दिक्कतें तो आएंगी, पर जरूरी है
सीनियर अदाकारा निर्मल ऋषि कहती हैं कि अगर थियेटर नहीं खुले और फिल्माें की रिलीज टलती गई तो आने वाला समय बुरा होगा। क्योंकि फिल्में रिलीज न होने से निर्माताओं के करोड़ों रुपए फंसे हैं और युवा कलाकार बेरोजगार हैं। शूटिंग स्थल पर बदलाव पर कहती हैं, दिक्कतें तो आएंगी पर दूरी जरूरी है। कोरोनाकाल में बुजुर्गों के काम को लेकर बताती हैं कि ऐसा संभव नहीं है कि बुजुर्ग फिल्माें में काम न करें क्याेंकि युवा उनके रोल में फिट नहीं हो पाएंगे। अगर किसी को बीमारी हो तो वह शूटिंग करने से परहेज करें।
चार महीनाें में कई बड़े बजट की फिल्माें की रिलीज रुकी, पहले हर हफ्ते रिलीज होती थी एक फिल्म |
अब कई बड़े बजट बाली फिल्में रिलीज के इंतजार में हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक, 31 जुलाई तक सिनेमाघर बंद रहेंगे। फिल्मकारों की मानें तो अगस्त-सितंबर तक थियेटर्स तो खुल जाएंगे, लेकिन कोई गारंटी नहीं कि लोग पहले जैसी फिल्में देखना पसंद करेंगे। महामारी से इंडस्ट्री एक साल पीछे चली गई है। पिछले 4 महीनों मेंं करोड़ों का नुकसान हो चुका है। नई गाइडलाइंस के बाद शूटिंग से लेकर सीन्स सब कुछ बदल जाएंगे। क्या-क्या बदलेगा आईए जाने फिल्म से जुड़े लोगों से....
ये फिल्में मई व जून में होनी थी रिलीज
20 मार्च : पोस्ती, निर्देशक : राणा रणबीर, एक्टर : प्रिंस कंवलजीत सिंह, सुरीली गौतम, बब्बल राय।
27 मार्च : यार अनमुल्ले रिटर्न्स, निर्देशक : हैरी भट्टी, कलाकार: हरीश वर्मा, युवराज हंस, प्रभ गिल।
03 अप्रैल: गल्लवकड़ी, निर्देशक : शरण आर्ट, कलाकार : तरसेम जस्सर, वमीका गाबी, बीएन शर्मा।
10 अप्रैल: गोलगप्पे, निर्देशक : समीप कंग, कलाकार : बीनू ढिल्लों, रजत बेदी, बीएन शर्मा, इहाना ढिल्लों।
17 अप्रैल: टेलीविजन, निर्देशक : ताज, कलाकार : कुलविंदर बिल्ला, मैंडी तक्खर, हार्बी संघा।
24 अप्रैल: ब्यूटीफुल बिल्लो, निर्देशक : अमृत राज चड्डा, कलाकार : नीरू बाजवा, रूबीना बाजवा और रोशन प्रिंस।
08 मई: मां, निर्माता : गिप्पी ग्रेवाल, निर्देशक : बलजीत सिंह दियो, कलाकार : दिव्या दत्ता
26 जून : जोड़ी, निर्देशक : अंबरदीप सिंह, कलाकार : दिलजीत दोसांझ, निमृत खैरा, गुरशबद,दृष्टि ग्रेवाल।
कोरोनाकाल के दौरान भास्कर ने निर्माता-निर्देशकों से जाना पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री का हाल...
चिंता: फिल्म रिलीज को अभी हालात ठीक नहीं, दिवाली के बाद ही सोचेंगे
व्हाइट हिल स्टूडियोज के एमडी गुणबीर सिंह सिद्धू बताते हैं 4 माह में 450 करोड़ वाली पंजाबी िफल्म इंडस्ट्री काे करोड़ों का नुकसान हो चुका है। एक साल में इंडस्ट्री में 50-60 फिल्में रिलीज होती हैं। पिछले 3 माह में 15 फिल्में रिलीज होनी थी। इससे निर्माताओं के 150 करोड़ फंस गए हैं। अगस्त-सितंबर में थियेटर्स खुल जाएंगे पर इसकी गारंटी नहीं कि लोग फिल्में देखेंगे। जब तक वैक्सीन नहीं आती चीजें सामान्य नहीं हो पाएंगी। ऐसे माहौल में फिल्म रिलीज करना सही नहीं है। दिवाली के बाद ही फिल्म रिलीज की सोचेंगे।
उम्मीद: 1 साल पीछे गई इंडस्ट्री, पर रिवाइव भी सबसे पहले करेगी
फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर व निर्माता मुनीष साहनी बताते हैं कि कोरोना से इंडस्ट्री 1 साल पीछे चली गई है। इसे दोबारा ट्रैक पर लाने में इतना ही समय लगेगा। पंजाब में सिनेमाघर बंद होने से 2 दिन पहले 2 फिल्में रिलीज हुई थीं जिन्हें 2 दिन बाद ही थियेटर्स से उतारा गया। जितनी फिल्में पेंडिंग हैं, वो सितंबर के बाद रिलीज होंगी। कोराेना से हर व्यवसाय प्रभावित हुआ है पर इंडस्ट्री सबसे पहले रिवाइव करेगी। क्याेंकि घर में लोग उब चुके हैं व थियेटर मिस कर रहे होंगे। ओटीटी अच्छा प्लेटफॉर्म है पर सिनेमा का विकल्प नहीं।
बदलाव: प्रमोशन और शूटिंग के वक्त ज्यादा भीड़ नहीं जुटा सकते
अभिनेता व निर्देशक राणा रणबीर बताते हैं कि महामारी के बाद अब शूटिंग स्थल पर बदलाव बड़ा चैलेंज होगा। एक फिल्म में 150-200 लोगों की यूनिट होती है। शूटिंग स्थलों पर सेनिटाइजेशन व दूरी जरूरी है जो आसान नहीं है। वहीं, अब फिल्मों की प्रमोशन के तरीके बदल जाएंगे। पहले की तरह स्कूल-कॉलेजाें आदि में नहीं जाया जा सकेगा। इसके लिए अब सोशल व प्रिंट मीडिया का इस्तेमाल करना होगा। थियेटर्स खुलने पर अपनी फिल्म पोस्ती के बारे में कहा कि अभी इसे रिलीज करने का कोई विचार नहीं है।
मुश्किल: नियमानुसार बुजुर्गों और बच्चों के बिना सीन्स नहीं हो पाएंगे
अभिनेता व नॉर्थ जोन फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी मलकीत रौणी बताते हैं अभी जिन वीडियोज और फिल्माें की शूटिंग शुरू हुई है, वहां सरकार की गाइडलाइंस के हिसाब से काम हो रहा है। पहले फिल्म में 100 लोगाें का क्रू होता था, अब 50 के साथ काम कर रहे हैं। जहां तक बुजुर्गाें और बच्चाें के काम करने की बात है तो उनके सीन्स फिल्माें से निकाले नहीं जा सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि जिस तरह विदेशों में कम क्रू मेंबर्स के साथ फिल्में शूट होती हैं, वैसे ही यहां होनी शुरू हो जाएं।
चैलेंज: शूटिंग में दूरी की वजह से दिक्कतें तो आएंगी, पर जरूरी है
सीनियर अदाकारा निर्मल ऋषि कहती हैं कि अगर थियेटर नहीं खुले और फिल्माें की रिलीज टलती गई तो आने वाला समय बुरा होगा। क्योंकि फिल्में रिलीज न होने से निर्माताओं के करोड़ों रुपए फंसे हैं और युवा कलाकार बेरोजगार हैं। शूटिंग स्थल पर बदलाव पर कहती हैं, दिक्कतें तो आएंगी पर दूरी जरूरी है। कोरोनाकाल में बुजुर्गों के काम को लेकर बताती हैं कि ऐसा संभव नहीं है कि बुजुर्ग फिल्माें में काम न करें क्याेंकि युवा उनके रोल में फिट नहीं हो पाएंगे। अगर किसी को बीमारी हो तो वह शूटिंग करने से परहेज करें।
0 comments:
Post a Comment